आज मंडे को इक ख़याल आया
थका बुझा सा खस्ताहाल आया
कहे "शायर जी, दे दो शक्ल मुझे"
मैंने बोला, खुदा दे अक्ल तुझे
बंदा गुस्से में मुझसे कहता है
अगरचे मैं नहीं तो तू क्या है?
तू है शायर बना तो ज़ाहिर है
कहीं पे अक्ल तू भी डाल आया
आज मंडे को इक ख़याल आया
17 comments:
khush mijaaz shayari .accha khayal hai .
खुश मिजाज़ शायरी । सोमवार की शुरुवात इतने खूबसूरत लहज़े मे करवाने के लिये शुक्रिया ।
खुश मिजाज़ शायरी । सोमवार की शुरुवात इतने खूबसूरत लहज़े मे करवाने के लिये शुक्रिया ।
खुश मिजाज़ शायरी । सोमवार की शुरुवात इतने खूबसूरत लहज़े मे करवाने के लिये शुक्रिया ।
कहीं पे अक्ल तू भी डाल आया
sahi hai..
कहीं पे अक्ल तू भी डाल आया
sahi hai..
nonday ka khyal aacha hai...
monday ka khyal accha hai
refreshing :)..sir I need to ask.. have you used 'agarche' as meaning 'although' or 'if', in the line "agarche main nahi to tu kya hai ?"
ख्याल अच्छा है, कृपया सन्डे तक के ख्याल भी लिखें
wah neelesh ji.....wah!!!!!
nice poetry!!!!!
sir what does those last two lines means. plz can you elaborate sir, Amit Valmiki.....
bahut khub
or khayal
shayar ko hi ayega
kyunki uske alava is
duniya main or kisi ko
sochne ki fursat kaha hai..
subhkaamnaye..
Jaidev Jonwal
bahut khub..
bahut khubh
:)
Bahut khoob....
Abhi ek aur monday ayega, us par ek naya khayal ayega? :)
#_#
Chintan Gupta
हैंगोवर !!!!!!
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