Monday, September 19, 2011

आज मंडे को इक ख़याल आया

आज मंडे को इक ख़याल आया
थका बुझा सा खस्ताहाल आया
कहे "शायर जी, दे दो शक्ल मुझे"
मैंने बोला, खुदा दे अक्ल तुझे
बंदा गुस्से में मुझसे कहता है
अगरचे मैं नहीं तो तू क्या है?
तू है शायर बना तो ज़ाहिर है
कहीं पे अक्ल तू भी डाल आया
आज मंडे को इक ख़याल आया

(All photos by the author, except when credit mentioned otherwise)